Bindal Gotra Sati: Shri Dholi Dadiji (Fatehpur)

Bindal Gotra Sati: Shri Dholi Dadiji (Fatehpur) बिंदल गोत्र सती :श्री धोली दादीजी (फतेहपुर)

SATI DEVIYON KI JAI

Marwari Pathshala

4/27/20241 min read

बिंदल गोत्र सती : श्री धोली दादीजी (फतेहपुर)

श्री धोली बाई का जन्म वि. सं. 1330 (अश्विन शुक्ला चतुर्थी) को, हरियाणा के महेंद्रगढ़ में किशनलाल जी और माँ सरस्वती के आंगन में हुआ था। उनका बचपन का नाम "दुर्गा" था ।

उनका विवाह नारनौल के पास रहने वाले, अग्रवंशी (बिंदल गोती) श्री नाथूराम जी के साथ मांगसीर बदी बारस को सम्पन्न हुआ था।

बारात जब वापस जारही थीं, तब रास्ते में एक नगर आन पड़ा। उस नगर का राजा मानसिंह बड़ा ही दुष्ट था। उसने नाथूराम जी को, दुर्गा बाई को एक रात राजा के महल में छोड़ने को बोला, इतना में ही नाथूराम जी मानसिंह से युद्ध कर बैठे। युद्ध में लड़ते- लड़ते नाथूराम जी वीरगति को प्राप्त हुए।

मृत पति को देख धोली बाई ने शक्ति का आह्वान करके उस दुष्ट मानसिंह को मृत्यु दंड दिया । और धोली माँ ने श्री नाथूरामजी के साथ सती धारण किया ।

धोली माँ का मंदिर बिंदल गोतियो द्वारा फतेहपुर में बनाया गया। माँ के पूजा मे लाल और पीले रंगा का बहुत महत्व हैं। इनके मंदिर में "हरा रंग" वर्जित है।

सर्राफ, सावलका, लोधा, लक्कड़, कागलीवाल, लड़िया, मुसद्दी, बागला, जयपुरिया उपनामो वाले, बिंदल गोती माँ को अपनी कुलदेवी मानते है।